indira gandhi national open university in hindi
प्रस्तावना
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), जो 1985 में एक संसदीय कानून के तहत स्थापित हुआ, समावेशी शिक्षा के माध्यम से एक समावेशी ज्ञान समाज का निर्माण करने का सतत प्रयास करता रहा है। इसने मुक्त एवं दूर शिक्षा (ओडीएल) के जरिए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराकर सकल दाखिला अनुपात (जीईआर) बढ़ाने का प्रयास किया है।
विश्वविद्यालय का शुभारंभ वर्ष 1987 में दो शैक्षिक कार्यक्रमों - प्रबंधन में डिप्लोमा और दूर शिक्षा मंे डिप्लोमा - और 4,528 विद्यार्थियों से हुआ।
आज, यह अपने 21 अध्ययन विद्यापीठों, 67 क्षेत्रीय केंद्रों, करीब 3,000 विद्यार्थी सहयोग केंद्रों और 67 विदेशी कंेद्रों की मदद से भारत एवं 36 अन्य देशों में 40 लाख से अधिक विद्यार्थियों की शैक्षिक आकांक्षाओं की पूर्ति कर रहा है। इग्नू अपने मुख्यालय एवं क्षेत्रीय केंद्रों में 420 संकाय सदस्यों और उच्च शिक्षा के पारंपरिक संस्थानों, पेशेवर संगठनों एवं उद्योग क्षेत्र के करीब 36,000 शैक्षिक परामर्शदाताओं की मदद से करीब 490 सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री एवं डाक्टोरल कार्यक्रम संचालित करता है।
विश्वविद्यालय के अधिदेश हैं:
- समाज के सभी वर्गों को उच्च शिक्षा प्रदान करना,
- उन लोगों को उच्च स्तरीय, अभिनव और जरूरत-आधारित कार्यक्रम प्रदान करना जिन्हें इनकी जरूरत है,
- देश के सभी हिस्सों में वंचितों को किफायती शैक्षिक कार्यक्रम मुहैया करना,
- देश में दूर एवं मुक्त शिक्षा के जरिए शिक्षा के मानकों का संवर्द्धन, समन्वय और नियमन करना,
- समाज के सभी वर्गों तक शिक्षा की पहुंच का विस्तार एवं अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में सतत पेशेवर विकास एवं प्रशिक्षण के दोहरे लक्ष्य को पूरा करने के लिए इग्नू शिक्षा के क्षेत्र में कई माध्यमों एवं अद्यतन तकनीकों को इस्तेमाल करता है। यह इग्नू की इस परिकल्पना में भी परिलक्षित होता है जिसे हमेशा ध्यान में रखा जाता है। यह है:मुक्त और दूर शिक्षा के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र इग्नू, जो अंतर्राष्ट्रीय पहचान और उपस्थिति वाला संस्थान है, अभिनव तकनीकियों एवं विधियों का इस्तेमाल कर सभी को सतत एवं विद्यार्थी-केंद्रित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल सुधार एवं प्रशिक्षण की निर्बाध सुविधा उपलब्ध कराने एवं समेकित राष्ट्रीय विकास और वैश्विक समझ के विकास के उद्देश्य से जरूरी विशाल मानव संसाधन के लिए वर्तमान प्रणालियों का अभिसरण सुनिश्चित करने के दायित्व का निर्वाह करेगा।
विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा, सामुदायिक शिक्षा और सतत पेशेवर विकास के क्षेत्रों में शानदार उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय कई जाने-माने लोक संस्थानों और निजी उद्यमों के साथ उनके द्वारा उपलब्ध शैक्षिक मौकों को बढ़ाने के लिए काम करता रहा है। दूर शिक्षा में विश्व नेता की हैसियत से इसे कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग (सीओएल), कनाडा, द्वारा कई बार उत्कृष्टता का पुरस्कार दिया जा चुका है। जनवरी, 2010 में इसे भारतीय विश्वविद्यालयों की वेबोमेट्रिक रैंकिंग में 12वां स्थान दिया गया। यह इंटरनेट पर उसकी उपस्थिति क्षमता पर आधारित था।
इग्नू शिक्षण, शोध, प्रशिक्षण और विस्तार गतिविधियों में गुणवत्ता के प्रति समर्पित है और यह ओडीएल प्रणाली में विशेषज्ञता एवं ढांचागत सुविधा का राष्ट्रीय संसाधन केंद्र है। इसने विशेष विद्यार्थी समूहों पर फोकस करने और दूर शिक्षा प्रणाली को सवंर्द्धित करने के लिए सेंटर फॉर एक्सटेंशन एजुकेशन, नेशनल सेंटर फॉर डिसेबिलिटी स्टडीज एवं नेशनल सेंटर फॉर इनोवेशन इन डिस्टेंस एजुकेशन की स्थापना की है। इग्नू की दूर शिक्षा परिषद देश में ओडीएल प्रणाली के नियमन एवं प्रबंधन में भूमिका निभाती है।
20 सितंबर, 2004 को एडुसैट (सिर्फ शिक्षा को समर्पित उपग्रह) के प्रक्षेपण और इंटर-यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम की स्थापना के साथ ही विश्वविद्यालय देश में प्रौद्योगिकी-समर्थ शिक्षा के नए युग में प्रवेश कर गया। आज 134 सक्रिय दोतरफा विडियो कांफ्रेंसिंग केंद्र हैं, सभी क्षेत्रीय केंद्रों एवं उच्च दाखिला वाले अध्ययन कंेद्रों को नेटवर्क संपर्क दिया गया है जिससे अंतःक्रियात्मक डिजिटल अंतर्वस्तु का आदान-प्रदान संभव हो गया है।
अंतःक्रियात्मक मल्टीमीडिया और ऑनलाइन लर्निंग विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही पारंपरिक दूर शिक्षा डिलिवरी मोड को भी प्रौद्योगिकी-समर्थ शिक्षा की मदद से मूल्यवर्धित किया जा रहा है। इस प्रयास के तहत परिसर, कुछ क्षेत्रीय केंद्रों और इस उद्देश्य से इग्नू द्वारा समझौता किए गए संस्थानों में कई पूर्णकालिक कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं।
जैसा कि पहले कहा जा चुका है, विश्वविद्यालय ने व्यापक अंतर्राष्ट्रीय पहंुच भी कायम की है। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों एवं गोष्ठियों में अपने संकाय सदस्यों की भागीदारी को बढ़ावा देता है और उसका वित्तीय भार वहन करता है। साथ ही, कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन भी करता है।
व्याख्यान देने एवं संकाय से संपर्क के लिए विदेशी विद्वानों का नियमित दौरा भी होता है। विश्वविद्यालय ने साझेदारी व्यवस्था के जरिए दुनिया भर में अपने शैक्षिक कार्यक्रमों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा कई विदेशी संस्थानों को अपनी शिक्षण सामग्रियों के अंगीकरण/स्वीकरण/इस्तेमाल की भी अनुमति दे रखी है।
वर्षों से इग्नू समाज के उपेक्षित वर्गों को शिक्षा प्रदान करने की देश की आकांक्षाओं को जिंदा रखा है। देश में सभी जेल कैदियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों के छात्रों को दाखिला दिया गया है।
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ लंकाशायर (यूक्लैन) के सहयोग से अनुप्रयुक्त संकेत भाषा में कला स्नातक कार्यक्रम नामक एक अभिनव कार्यक्रम शुरू किया गया है। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।
No comments:
Post a Comment